आज दिल खोलकर हंसने मुस्कुराने का दिन है - World Laughter Day - अंतर्राष्ट्रीय विश्व हास्य दिवस 2020
World Laughter Day |
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विश्व हास्य दिवस का इतिहास
विश्व हास्य दिवस सबसे पहले 11 जनवरी 1998 को मुंबई में मनाया गया था। विश्व हास्य दिवस की स्थापना का श्रेय डॉ मदन कटारिया को जाता है। हंसने से सकारात्मक सोच उत्पन्न होती हैं। हंसने के लिए किसी वजह की जरूरत नहीं होती जब मन करें तब हंसिये और लोगों को भी हंसाये। विशेषज्ञ भी हमेशा खुश रहने और हंसने की सलाह देते हैं। कम हंसने से बीमारी और अवसाद बढ़ने का खतरा ज्यादा रहता हैं। लाफ्टर डे यानि विश्व हास्य दिवस पर दुनिया के बहुत से शहरों में रैलियां, सेमिनार और हास्य सम्मेलन आदि का आयोजन किया जाता हैं।
विश्व हास्य दिवस का उद्देश्य
आज भारत सहित अन्य कई देशों में आतंकी हमले आये दिन होते रहते हैं। अधिकांश देश आतंकवाद से डरे और सहमे हुए हैं। इस वजह से सभी देशों में शांति न के मात्र ही बची हुई हैं। विश्व हास्य दिवस का सेलिब्रेशन इस उद्देश्य से किया जाता हैं, ताकि दुनिया में शांति, भाईचारा और सद्भावना बनी रहें। हमारे बड़े बुजुर्ग और डॉक्टर बतातें हैं कि, हंसने से सेहत और दिमाग दोनों को काफी अच्छा फायदा होता हैं। अधिक हंसने और खुश रहने से हमारें अंदर सकारात्मक शक्तियों का संचार होता हैं। इस व्यस्त जिंदगी में लोग कम से कम एक दिन तो अपने लिए निकालें और जी भरकर हंसे और हंसायें। इसी उद्देश्य से विश्व हास्य दिवस पूरी दुनिया में मनाया जाता हैं।
सेहत के लिए हंसना जरूरी
अगर हम स्वस्थ, निरोगी, खुश और लम्बी आयु चाहते हैं तो, जितना सम्भव हो उतना हंसते रहिये। ऐसा माना जाता हैं कि, हंसने से आधी बीमरियां तो यूँ ही चली जाती हैं। इस संसार में कोई भी जीवधारी नहीं जो हँसता हो, लेकिन मनुष्य एक ऐसा प्राणी है, जो हँस भी सकता और लोगों को हंसा भी सकता हैं। हंसने से आयु लम्बी होने के साथ ही चेहरे पर भी चमक बनी रहती हैं। ऐसा भी कहा गया हैं कि,जीना हैं तो जिंदादिली से जियें, मुद्रादिली से क्या जीना। हंसता हुआ चेहरा सभी को अच्छा लगता हैं। कोई भी इंसान ऐसे व्यक्ति से बात करना पसंद करता हैं जो स्वयं भी हंसे और अन्य व्यक्तियों को भी हँसातें रहें। हंसने वाले व्यक्तियों के कई सारे मित्र बन जातें हैं और इस प्रकार उनमें भाईचारा और एकता की भावना कब उत्पन्न होती हैं, पता ही नहीं चलता।
हास्य एक सार्वभौमिक भाषा
हंसना मनुष्य का स्वाभाविक गुण है। खुशी का मौका हो या फिर किसी ने कोई मजाक किया हो हंसी तो आ ही जाती हैं। हास्य एक सार्वभौमिक भाषा है। यह भाषा जाति, धर्म, लिंग, रंग आदि से भेदभाव कियें बिना मानवता को एकजुट करने की ताक़त रखती है। हंसी अलग-अलग धर्मों और समुदायों को आपस में जोड़कर एक नई दुनिया बना सकती है। ऐसा पढ़कर शायद झूठ लगे, लेकिन लोगो का दृढ़ विश्वास है कि, हंसी की ताक़त से दुनिया एकजुट हो सकती है। हँसने से आत्मा खिल उठती है। इससे हमें आनंद मिलता है साथ ही अन्य लोग भी आनंदित हो जातें हैं। हँसने से ऑक्सीजन गैस का संचार ज्यादा होता है और दूषित गैस शरीर से बाहर निकल जाती है। बीमारी और दुःखों के लिए हंसी रामबाण औषधि का काम करती है।
न्यूरोसाइंटिस्ट ने हंसी पर रिसर्च कर अपने विचार व्यक्त किये
अमरीका के न्यूरोसाइंटिस्ट रॉबर्ट प्रोवाइन ने हंसी पर काफ़ी शोध किये हैं। उनके मुताबिक जब हम अन्य लोगों के साथ होते हैं, तो हमारे हंसने की संभावना क़रीब 30 गुना बढ़ जाती है। अकेले में उतना नहीं हंसते। उनका कहना हैं कि हंसी इंसान का सामाजिक इशारा देने का ज़रिया है। आगे उन्होंने कहा कि व्यक्ति में हंसने के गुण का विकास इसलिए हुआ ताकि इसका अन्य लोगो पर असर पड़े। इसका हमारी सेहत या मन से अधिक संबंध नहीं होता। उन्होंने कहा हमें ऑफिस में हंसी-मज़ाक़ को बढ़ावा देना चाहिए। ऑफिस का माहौल मेल-जोल और हंसी मजाक वाला हो, जिससे टीम के बीच एक अच्छी बॉन्डिंग बन सकें। टीम के अंदर अच्छी बॉन्डिंग होने से काम काफी अच्छा होता हैं और अच्छा माहौल होने से कर्मचारियों के क्रिएटिविटी पर भी असर पड़ेगा। जब क्रिएटिव होते हैं, तो काम के प्रति कर्मचारियों की सोचने और लगन और अधिक बढ़ जाती हैं।
लंदन विश्वविद्यालय की प्रोफ़ेसर सोफ़ी स्कॉट कहती हैं कि, ‘हंसी के द्वारा हमारा अवचेतन मन ये संकेत देता है कि, हम सुकून में हैं और सुरक्षित महसूस कर रहे हैं।
गूगल टॉक के एक सेशन में प्रोफ़ेसर सैंडी ने कहा कि, ई-मेल पर वार्तालाप करने के बजाय हमें आमने-सामने बैठकर बात करते रहने को तरजीह देनी चाहिए। इससे किसी भी टीम की प्रोडक्टिविटी 30 से 40 % तक बढ़ जाती है।
हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की प्रोफ़ेसर टेरीज़ा एमाबाइल ने कहा है कि, हँसते समय हमारा दिमाग़ सबसे अधिक क्रिएटिव होता है।
हंसने के अनगिनत फायदे
हंसने से हमारा ब्लड सर्कुलेशन सही रहता है। ब्लड सर्कुलेशन सही रहने से हम कई बीमारियों से बच सकते हैं।
खुश और हंसने से व्यक्ति में सकारात्मक सोच का विकास होता है और वह कभी निराश नहीं होता।
मानव शरीर में पेट और छाती के बीच में एक डायफ्राम होता है, जो हँसते समय धुकधुकी का काम करता है। इससे पेट, फेफड़े और यकृत की मालिश हो जाती है।
हंसने से व्यक्ति के अंदर सच बोलने और शिकायत कहने की क्षमता का भी विकास होता है।
हंसना एक तरह की एक्सरसाइज करने जैसा है। हंसने से हमारी मांसपेशियों की एक्सरसाइज होती है।
हंसते समय कैलरी बर्न होती है जिससे मोटापा भी कम होता है। एक शोध के मुताबिक 15 मिनट तक हंसने से हम 10-40 कैलरी तक बर्न कर सकते हैं।
हंसने से शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ती है और गुस्से पर भी कंट्रोल रहता है।
खूबसूरत चेहरे के लिए हंसना कारगर साबित हो सकता है।
हंसने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, जिससे व्यक्ति का आत्मविश्वास बढ़ता है।
मेडिकल एक्सपेरीमेंट्स में पाया गया है कि, 10 मिनट तक हंसते रहने से दो घंटे की गहरी नींद आती है।
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